क्या गोलियाँ से सफल गर्भपात के बाद भी हल्का रक्तस्राव होना स्वाभाविक है?

Author: Kiran Rai

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गर्भपात के दौरान या इसके बाद रक्तस्त्राव से जुड़े कई प्रश्न हमारे दिमाग में आते हैं। जिनमें से एक सवाल है कि गर्भपात के बाद यानि भ्रूण बाहर आ जाने के बाद भी क्या रक्तस्राव होगा? अगर होगा तो यह रक्तस्राव कितना स्वाभाविक है या कितना नहीं है? इस ब्लॉग में हम बात करेंगे इससे जुड़े तथ्य और जानकारी के बारे में।

गोलियों द्वारा गर्भपात:

गर्भावस्था के शुरुआती हफ़्तों (१० हफ्तों) में मिफेप्रिस्टोन तथा मिसोप्रोस्टोल गोलियों के संयोजन (या केवल मिसोप्रोस्टोल) द्वारा किया जाने वाला गर्भपात, गर्भ को समाप्त करने का एक बहुत ही भरोसेमंद और प्रभावशाली तरीका है। गर्भपात की यह गोलियां 24 घंटों के भीतर या इससे पहले भी अपना काम कर देती हैं। इस बारे में और समझने के लिए यहाँ दी गयी जानकारी पढ़िए।

गर्भपात के दौरान रक्तस्त्राव:

गोलियों के द्वारा गर्भपात की प्रक्रिया के दौरान रक्तस्त्राव बहुत सामान्य है। बल्कि इस दौरान आप अधिक मात्रा में रक्तस्त्राव देख सकती हैं। जो कि माहवारी में होने वाले रक्तस्राव से कहीं अधिक हो सकता है। जिसमें रक्त के थक्के और तीव्र ऐंठन भी शामिल हो सकती हैं। यह रक्तस्त्राव सामान्यतः मिसोप्रोस्टोल लेने के 3-4 घंटे के भीतर शुरू हो सकता है। यह रक्तस्त्राव इस बात का भी संकेत हैं कि गर्भपात की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

रक्तस्त्राव की अवधि:

आमतौर पर यह रक्तस्त्राव ऐंठन-मरोड़ और रक्त के थक्कों के साथ शुरुआती कुछ घंटों तक बहुत अधिक मात्रा में चल सकता है। जो आपको शारीरिक रूप से असुविधाजनक लग सकता है और कुछ महिलाओं के लिए थोड़ा अधिक असहनीय भी हो सकता है। इसके लिए ज़रूरी है कि आप आरामदायक जगह में रहें, और आप अपना खूब ख्याल रखें, दर्द से राहत के लिए आइबूप्रोफेन लेने पर विचार करें जिसके लिए आप इस पेज पर निर्देश पढ़ सकती है। साथ ही आप पहले ही अपने पास सेनेटरी पैड्स के पैकेट्स थोड़े ज्यादा रख लें जिनकी आपको इस वक़्त ज़रूरत पड़ेगी।

यह रक्तस्राव और ऐंठन गर्भावस्था के ऊतकों के बाहर आने के बाद कम हो सकते हैं जिसका मतलब यह भी होता है कि अब आप गर्भवती नहीं हैं।

कैसे पता चलेगा कि ऊतक बाहर निकल गए हैं:

यह ऊतक आमतौर पर 4-5 घंटे (कई लोगों के लिए और थोड़ा अधिक समय भी) में बाहर आ सकते हैं। अब सवाल यह आता है, आपको कैसे पता चलेगा कि इस प्रक्रिया के दौरान गर्भावस्था के ऊतक शरीर से बाहर निकल गए हैं। इसके लिए आपको अपने रक्तस्त्राव पर नज़र रखनी पड़ेगी तो ही आप ऊतकों का निकलना नोटिस कर पायेंगी। आपकी जानकारी के लिए गर्भावस्था का यह ऊतक छोटे काले रंग का अंगूर और पतली झिल्ली की तरह लग सकता है, या एक छोटी सी थैली एक सफेद, रोएँदार परत से घिरी हुई। असल में इसका आकार गर्भावस्था कितने समय की है इस बात पर निर्भर करता है। अगर आप इन ऊतकों को नोटिस करती हैं तो, यह एक संकेत है कि गर्भपात सफल हुआ है। याद रखिये, अक्सर गर्भावस्था के ऊतक रक्त के थक्के में लिपटे हो सकते हैं आप इन्हे तब तक नहीं देख सकती हैं, जब तक आप बहुत ध्यान से न देखें।

क्या ऊतकों के बाहर आने के बाद भी हल्का रक्तस्राव होना स्वाभाविक है:

असल में यह एक बहुत ही ज़रूरी सवाल है क्यूँकि कई लोग इस बात से चिंतित होते हैं कि गर्भपात के इतने दिन गुज़र जाने के बाद भी उन्हें रक्तस्त्राव, स्पॉटिंग क्यों हो रही है। जी हाँ गर्भपात के कुछ सप्ताह ( 3-4 सप्ताह) तक हल्की ऐंठन, हल्का रक्तस्राव या स्पॉटिंग (खून के धब्बे) होना सामान्य है। आप इसे ऐसे समझ सकती हैं कि यह गर्भपात के बाद गर्भाशय को खाली करने की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इस दौरान विशेषज्ञ आपको सेनेटरी पैड्स इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं ताकि आप ध्यान रख सकें कि यह रक्तस्त्राव कितनी मात्रा में हो रहा है।

अगर इस दौरान आपको लगातार रक्तस्राव 2 घंटे से अधिक समय तक रह रहा है और हर घंटे 2 सैनिटरी पैड आपको बदलने की ज़रूरत पड़ रही है। (इसका मतलब है कि पैड पूरी तरह से आगे से पीछे, एक तरफ से दूसरी तरफ और पूरी तरह रक्त से भीग गया है) तो आपको एक पंजीकृत डॉक्टर से मिलने की ज़रूरत है।

इसके अलावा इस स्थिति से जुड़े कुछ और भी चेतावनी भरे लक्षण हैं जिनमें आपको डॉक्टर की मदद लेने की सलाह दी जाती है। जिसके बारे में आप यहाँ विस्तार में पढ़ सकती हैं।

अगर आप यह जानना और समझना चाहते हैं कि गर्भपात के बाद माहवारी वापिस कब शुरू होती है तो इसकी पूरी जानकारी के लिए हमारा यह लेख पढ़िए।

कुछ ज़रूरी बातें:

रक्तस्त्राव, ऐंठन, खून के थक्के, शारीरक थकावट, यह सभी बातें गर्भपात के दौरान सामान्य हैं। इनसे घबराने की बजाये आप धैर्य से काम लें, पोषण युक्त खाना खायें, पानी पीती रहें जो आपको हाइड्रेटिड रखेगा। यदि आप असहनीय ऐंठन-मरोड़ अनुभव कर रही हैं तो इसके लिए आइबूप्रोफेन गोली का इस्तेमाल कर सकती हैं यह एक अच्छा दर्द निवारक है। हर 6-8 घण्टों में 3-4 गोलियाँ (200mg) ले सकती हैं। इससे आपको दर्द कम करने में मदद मिलेगी ।

गर्भपात की गोलियां खाने के बाद पहले कुछ दिनों में जी मचलाना, स्तनों की सूजन और थकान कम होने लगेगी और शरीर अपने नियमित में स्थिति वापिस लौटने लगेगा। हर किसी का शरीर अलग होता है इसलिए इन परिवर्तनों की अवधि अलग हो सकती है।

आप हमारी वेबसाइट की सामान्य सलाह (General Advice) सेक्शन में गोलियों की मदद से किए जाने वाले गर्भपात के प्रभावों के प्रबंधन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकती हैं।

आपकी जानकारी के लिए- आप चाहें तो हमारे सुरक्षित गर्भपात सहायक से भी बात कर सकती हैं। जो हिंदी बोलते हैं, और इस टोल फ्री नंबर: +1 (833) 221-2559 पर हमारी साइट या व्हाट्सएप के माध्यम से चिकित्सा गर्भपात के बारे में जानकारी हासिल करने में लोगों की मदद करते हैं।

यदि आप सुरक्षित चिकित्सीय गर्भपात के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहती हैं तो हमारी

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Bio: Kiran is a student of social work and comes with an experience of 8 years in the field of sexual and reproductive health and rights (SRHR) issues.

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